बहु जुग बहुत जानि फिरि हारो – Bahu Jug Bahut Jaani Phiri Haaro Lyrics
बहु जुग बहुत जानि फिरि हारो ।
अब तो एक भरोसो तिहारों ॥
जयपि कुटिल, कामरत, पापी ।
तर्दाप गुलाम सदा हौं तिहारो ॥
जाउँ कहाँ तव चरन बिहाई ।
लीन्हों प्रभु-पद-कमल-सहारो ।।
बहु जुग बहुत जानि फिरि हारो ।
अब तो एक भरोसो तिहारों ॥
जयपि कुटिल, कामरत, पापी ।
तर्दाप गुलाम सदा हौं तिहारो ॥
जाउँ कहाँ तव चरन बिहाई ।
लीन्हों प्रभु-पद-कमल-सहारो ।।
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