बन्धुगणो मिल कहो प्रेमसे रघुपति राघव राजाराम
Bandhugano Mill Kaho Premse Raghupati Raghav Rajaram .
बन्धुगणो ! मिल कहो प्रेमसे-
Contents
‘रघुपति राघव राजाराम ।’
मुदित चित्तसे घोष करो पुनि-
‘पतीतपावन सीताराम ॥’
जिह्वा-जीवन सफल करो कह-
‘जय रघुनन्दन, जय सियाराम ।’
हृदय खोल बोलो मत चूको-
‘जार्नाकवल्लभ सीताराम ॥’
गौर रुचिर, नवघनश्याम छबि,
‘जय लक्ष्मण, जय जय श्रीराम ।’
अनुगत परम अनुज रघुवरके-
‘भरत-सत्रुहन शोभाधाम ॥’
उभय सखा राघवके प्यारे-
‘कपिपति, लंकापति अभिराम ।’
परम भक्त निष्कामशिरोमणि
‘जय श्रीमारुति पूरणकाम !।’
अति उमंगसे बोलो संतत-
‘रघुपति राघव राजाराम ।’
मुक्तकंठ हो सदा पुकारो-
‘पतीतपावन सीताराम ।।’