प्रभु तुम अपनो बिरद सँभारो – प्रार्थना | Prabhu Tum Apano Birad Sanbhaaro Lyrics
प्रभु ! तुम अपनो बिरद सँभारो ।
अधम-उधारन नाम धरायो अब मत ताहि बिसारो ।।
मोसों अधिक अधम को जगमहूँ, पापिनमहँ सरदारो ।
ढूँढ़ ढूँढ़ जग अघ अति कीन्हे गनत न आवै पारो ॥
मोरे अघकौं लिखत लिखावत, चित्रगुप्त पचि हारो ।
तऊ न आयो अंत अघनको,छाड़ी कलम बिचारो ।।
अबलों अधम अनेक उधारे, हारो । बिचारो ।।
मो सों पल्लो डारो । राखो लाज नाम अपनेकी, मत खोबो पतियारो ।।