धन्य धन्य ब्रजकी नर नारी | Dhany Dhany Brajake Nar Nari

धन्य धन्य ब्रजकी नर नारी

Dhany Dhany Brajake Nar Nari

 

धन्य-धन्य ब्रजकी नर-नारी ।

जिन्हके आँगन नाचत नितति मोहन करतल दै दै तारी ॥

परम प्रिया मनमोहनजूकी प्रेमपगी रस-बिषय गँवारी ।

जिन्हके हाथ खात माखन दधि, लाड़ लड़ावत दै दै गारी ॥

मुरली-धुनि सुनि भागति सगरी लोक-लाज गृह-काज बिसारी ।

चाहत चरन-धूलि नित तिन्हकी दीन अकिंचन प्रेम-भिखारी ॥

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