मोकों कछु न चहिये राम – Mokon Kachhu Na Chahiye Raam

मोकों कछु न चहिये राम – प्रार्थना

Mokon Kachhu Na Chahiye Raam Lyrics

मोकों कछु न चहिये राम ।

तुम बिन सत्र ही फीके लागें, नाना सुख धन धाम ।।

सुंदरि, संतांत, सेवक, सब गुन, बुधि विद्या भरपूर ।

कीरति, कला, निपुनता, नीती, इनको रखिये दूर ।।

आठ सिद्धि, नौ निद्धि आपनी और जननकौं दीजै ।

मैं तो चेरों जनम जनमको, कर घरि अपनो कीजै ।।

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