नाथ थारै सरणे आयोजी – Naath Thaarai Sarane Aayojee Lyrics

नाथ थारै सरणे आयोजी – प्रार्थना

Naath Thaarai Sarane Aayojee Lyrics

( मारवाड़ी बोली )

नाथ ! थारै सरणे आयोजी ।

जच्चै जिसतराँ खेल खिलाओ, थे मन-चायो जी ।।

बोझो सभी ऊतरयो मनको, दुख बिनसायो जी ।

चिता मिट्टी, बडे चरणाँको स्हारो पायो जी ।।

सोच फिकर अब सारो थारै ऊपर आयो जी ।

मैं तो अच निस्विन्त हुयो अंतर हरखायो जी ॥

जस अपजस सत्र थारो, मैं तो दास कुहायो जी।

मन-मॅवरो धारै चरण-कमलमें जा लिपटायो जी ।।

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